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ज्ञान
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शांति की दुनिया
तप
त्याग
चिंतन
स्वामी अमृत प्रकाश जी की पवित्र यात्रा की एक झलक
उद्देश्य और खोज
सनातन धर्म के पाँच स्तंभ, गुरु, गीता, गंगा, गायत्री, और गौमाता को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाकर एक उद्देश्यपूर्ण और दिव्य आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा बनाएं।
संत सेवा
परम तपस्वी-जपी-तपी संतों की सेवा करने से पुण्य का अपार फल मिलता है। संतो के प्रशाद भोजन की व्यवस्था,रोज के जीवन की आवश्यक सामग्री और समय से उनके विभिन्न उपचार के लिए सेवा करने से संतों का आशीर्वाद मिलता है।
सत्संग कथा
मनुष्य जीव के मन की ग्रंथियां को सुलझाने के लिए सद्गुरु देव के सत्संग और कथा का मुख्य योगदान है। सत्संग से समाधान मिलता है।
गौसेवा
एक गौ माता की पूजा करने से 33 करोड़ देवी देवताओं का पूजन अपने आप हो जाता है। परम सेव्या गोमाता की सेवा,गोचारा ,गो उपचार, गोदान सभी भौतिक और आध्यात्मिक उपलब्धियां को देता है।
योग से निरोग
परमात्म प्राप्ति और साधना के लिए दिए गए शरीर को निरोगी रखने, आसन- प्राणायाम- ध्यान और प्रार्थना से जीवन को स्वस्थ और सुंदर बनाना है।
स्वामी अमृत प्रकाश जी
ऋषिकेश के श्री आनंद धाम मे विराजमान तप, त्याग, और चिंतन का प्रतिरूप हैं। अपने पूज्य गुरुदेव श्री महाराज जी द्वारा निर्धारित मार्ग का पालन करते हुए, वे अपने भक्तों का आध्यात्मिक साधना के मार्ग पर मार्गदर्शन कर रहे हैं, जिसमें गौ सेवा, संत सेवा, सत्संग और योग एक प्रज्ञापूर्ण जीवन का महत्वपूर्ण अंग है।